दूसरे शहरों में नहीं भटकेंगे मजदूर! CM योगी ने बनाया 'मास्टर प्लान'
कोरोना वायरस (Coronavirus in India) के मामले बढ़ने लगे तो देश लॉकडाउन (India Lockdown) कर दिया गया। ऐसे में अलग-अलग राज्यों के मजदूर, जो गांव से शहरों में संभावनाओं को देखते हुए पलायन कर गए थे, वे लौटने को मजबूर हो गए। हालांकि, सवाल यह खड़ा हुआ कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद इनका क्या होगा। क्या इन्हें रोजी-रोटी के लिए फिर से वापस लौटना होगा। इसके मद्देनजर योगी सरकार की ओर से खास प्लान तैयार किया गया है। आइए देखते हैं क्या है योगी सरकार की तैयारी...


...ताकि गांव में ही रोजगार मिल सके


केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि 20 अप्रैल के बाद राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहर कार्य शुरू किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार की सभी गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा। यही नहीं, शहरों से लौटे ग्रामीणों को मनरेगा के तहत तत्काल जॉब कार्ड भी मुहैया करवाए जाएंगे, जिससे उन्हें गांव में ही काम मिल सकेगा।




ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव बोले...


ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में शहरों से ग्रामीण परिवारों की वापसी हुई है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य दैनिक रोजगार परक गतिविधियों में संलग्न ग्रामीण परिवारों के सामने भी भरण पोषण की समस्या पैदा हुई है। शहरों से गांव वापस आया परिवार यदि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य करना चाहता है, तो उसे तत्काल जॉब कार्ड दिया जाएगा। यही नहीं, यदि शहर से लौटे किसी व्यक्ति का नाम परिवर के जॉब कार्ड में नहीं है तो उसका नाम जॉब कार्ड में जोड़े जाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।




इन लोगों को दी जाएगी प्राथमिकता


इसके अतिरिक्त जिन परिवारों को पहले जॉब कार्ड दिया गया था, लेकिन किसी कारणवश वर्तमान में उपलब्ध नहीं है, या खराब हो गया है। ऐसे परिवारों को जॉब कार्ड की द्वितीय प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। ग्राम पंचायत में जॉब कार्ड निर्गत करते समय समाज के वंचित परिवारों जैसे मुसहर, वनटांगिया, थारू, विधवा महिलाओं एवं दिव्यांग मुखिया परिवारों को प्राथमिकता देते हुए जॉब कार्ड उपलब्ध कराकर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।




सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई होगी अनिवार्य


सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करते हुए श्रमिकों को कार्य स्थल पर कार्य-माप के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। कार्य स्थल पर कार्यरत श्रमिकों एवं कर्मियों की तरफ से मास्क/होम मेड फेस मास्क/ फेस कवर का अनिवार्य रूप से प्रयोग किया जाएगा। कार्यस्थल पर हाथ धोने के लिए पानी एवं साबुन की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए क्षेत्रीय कर्मचारियों की ओर से श्रमिकों को जागरूक किया जाएगा।




कराया जाएगा यह काम


आदेश के मुताबिक, इस अवधि में शुरू किए जाने वाले कार्यों में सिंचाई एवं जल संरक्षण और व्यक्तिगत लाभार्थी से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। बुंदेलखंड और विन्ध्य क्षेत्र में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक सिंचाई कूपों का निर्माण के साथ चेकडैम और फार्म पॉन्ड का निर्माण किया जाएगा। वर्षा जल संरक्षण के लिए भूगर्भ जल संचयन स्ट्रक्चरों का निर्माण कार्य होगा। तालाबों की सिल्ट सफाई का कार्य किया जाएगा। सिंचाई गुलों नहरों की सफाई से संबंधित कार्य के साथ वृक्षारोपण के लिए अग्रिम मृदा कार्य किए जाएंगे। चारागाह विकास से संबंधित कार्य भी करवाए जाएंगे।




इन नदियों की पलटी जाएगी काया


प्रदेश की 16 नदियां (टेढ़ी, मनोरमा, पांडु, वरुणा, ससुर खदेड़ी, सई, गोमती अरिल, मोरवा, मंदाकिनी, तमसा, नाद, कर्णावती, बान, सोत एवं काली पूर्वी) जो 39 जनपदों बहराइच, गोंडा, बस्ती औरेया, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, प्रतापगढ़, फतेहपुर, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी, कौशांबी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, लखनऊ, जौनपुर, लखीमपुरखीरी, सीतापुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं, बरेली, चित्रकूट, अयोध्या, अंबेडकर नगर, मीरजापुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, कासगंज एवं अमरोहा में प्रवाहित होती हैं, उन नदियों को पुनरुद्धार के कार्य के लिए चयनित किया गया है। चयनित नदियां जनपदों की कई ग्राम पंचायतों से होकर गुजरती हैं। इस वजह से इन परियोजनाओं पर सोशल डिस्टेंसिंग का बेहतर ढ़ंग से प्रयोग करते हुए कार्य कराया जा सकता है।